दिल बड़ी ही नायब चीज है और बहुत ही समझदार भी I हमेशा दिल और दिमाग की तुलना करने पर दिमाग को ही तवज्जोह दी जाती है, और दिल को ये कहकर दरकिनार किया जाता है, कि दिल तो बड़ा ही मनमौजी है I पर दिमाग से तो ये इत्तेफ़ाक रखता ही है, चाहे कितना ही दूर रहे आप, इसकी आवाज़ आपका, आपसे तार्रुफ़ कराती है I दिल की समझदारी तो देखिये, किसी को बिना कहे, सब कुछ एक संदूक की तरह, ख़ुद में ही समेटकर रखता है I बड़ा ही शातिर है ये, कोई चोर भी इस संदूक का राज़ नहीं जान सकता और इसमें चुराने को है ही क्या ? ये तो दिल से ही पूछें ? जो कोई नहीं जानता आपके बारे में, वो भी ये बखूबी जानता है I फिर इसे कब तक दरकिनार करेंगे ? कभी फुर्सत में खोल कर तो देखिये इस संदूक को, क्या जाने आप क्या पा जायें I अच्छी- बुरी सारी यादें समेटे ये दिल आपको पल भर में हंसा भी सकता है तो रुला भी सकता है, इसके खुलने पर आप ख़ुद के कई राज़ जान सकेंगे I खोल कर तो देखिये दिल का संदूक !
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