दर्द किसी का भी हो, हम मनुष्यों को कुदरत ने दया का भाव दिया है जिसके चलते हम एक दूसरे की मदद करते हैं I कई बार इसी दया की भावना की अपेक्षा पशु भी हमसे रखते हैं I यूं तो मनुष्यों में सहनशक्ति से अधिक सहनशक्ति पशुओं में होती है पर जब उनके स्वास्थ्य की बात हो तो वे हमसे ही अपेक्षा रखते हैं I यदि पशु पालतू हैं तो हम उनकी देखभाल भी करते हैं I किन्तु आवारा छोड़ दिए गए पशुओं का क्या दोष है ? हम इन्हें पाल तो नहीं सकते पर यदि इनका स्वास्थ्य ख़राब हो या इन्हें कोई चोट लग गई हो, तब मानवता का धर्म तो निभा ही सकते हैं I
कैसे ? आइये जानते हैं -
* किसी जानवर के प्रति क्रूरता या उसे चोटिल अवस्था में देखने पर तुरंत पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करें।
* यदि वन्य जीवन के प्रति क्रूरता या अवैध कार्य को देखें, तो अपने राज्य के वन विभाग के माध्यम से किसी वन अधिकारी से संपर्क करें।
* किसी आवारा पशु को घायल देखें, तो किसी स्थानीय पशु संरक्षण समूह या किसी सरकारी पशु चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं I
उपरोक्त किसी भी तरीके से सहायता प्राप्त करने पर यह ज़रूर सुनिश्चित करें कि पशु का ठीक से इलाज हो और उसे ऐसे ही असहाय न छोड़ा जाये । हमारी दिखाई गई ये थोड़ी सी दया उस पशु की खुशियों का कारण बन सकती है I
NOTE : घायल पशुओं की सहायता के लिए, संपर्क सूत्रों की जानकारी आमतौर पर इंटरनेट के माध्यम से आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
कैसे ? आइये जानते हैं -
* किसी जानवर के प्रति क्रूरता या उसे चोटिल अवस्था में देखने पर तुरंत पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करें।
* यदि वन्य जीवन के प्रति क्रूरता या अवैध कार्य को देखें, तो अपने राज्य के वन विभाग के माध्यम से किसी वन अधिकारी से संपर्क करें।
* किसी आवारा पशु को घायल देखें, तो किसी स्थानीय पशु संरक्षण समूह या किसी सरकारी पशु चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं I
उपरोक्त किसी भी तरीके से सहायता प्राप्त करने पर यह ज़रूर सुनिश्चित करें कि पशु का ठीक से इलाज हो और उसे ऐसे ही असहाय न छोड़ा जाये । हमारी दिखाई गई ये थोड़ी सी दया उस पशु की खुशियों का कारण बन सकती है I
NOTE : घायल पशुओं की सहायता के लिए, संपर्क सूत्रों की जानकारी आमतौर पर इंटरनेट के माध्यम से आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
Koi customer care no bhi hota h Kya
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