Tuesday 28 February 2017
#inspiration
गुनगुनाते भवंरों को यूँ ही फूलों पर मंडराते हुए देखा जा सकता है I उनकी मधुर गुनगुन को सुनकर फूल भी मदमस्त होकर खिल उठते हैं I यूँ तो हम किसी को पसंद करने की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, पर क्या कभी हमने भवरों की दीवानगी पर गौर किया है ? यदि नहीं तो जान लें कि भंवरा कमल के फूल के सानिध्य की चाह में खुद, कैद में रहने का जोख़िम भी उठाता है I उसे किसी भी पल शाम के ढ़लने और कमल में कैद होने का डर नहीं होता, बल्कि ऐसा हो भी जाए, तो अपने साथी के सानिध्य के लिए कैद भी हो जाता है I उसे ये भी पता है कि क्या जाने वो अगला सूरज देख भी पायेगा या नहीं I वहीं सूरज निकलने पर खिलकर कमल भी अपने साथी पर गर्व करता है I भवंरा एक आदर्श प्रस्तुत करता है लगन का लगाव का I यानि कि दिल से, किसी से लगाव हो और लगन से प्रयास करो, तो इस जहान में सब हासिल किया जा सकता है बशर्ते कि प्राण भी दाव पर लग सकते हैं I
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