गुज़रे वक़्त को याद करके दुखी होने का कोई अर्थ नहीं, क्योंकि बीते वक़्त को दुबारा फिर कभी नहीं जिया जा सकता I हमारे हित में तो यही है कि, बीते वक़्त से सीख लेकर अपने वर्तमान को जीने की कोशिश करें और उसे बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास करें I Read more
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